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What we’re about

जब तक राजनीती के शीर्ष पर चोर और चौकीदार के स्थान पर भगत सिंह की विचारधारा को स्थान नहीं मिलेगा तब तक हमारी गुलामी की जंजीर टूटने वाली नहीं हैं,
सब यही सोच रहे हैं कि भगत सिंह पड़ोसी के घर में जन्म ले लेकिन अब वक़्त आ गया है मिलकर ये ऐलान करने का कि "मैं भगत सिंह हूँ"
23 मार्च, शहीद दिवस पर गोहाना से इस कैम्पेन "मैं भगत सिंह हूँ" की शुरुआत हो चूकी है अगर आपको लगता है कि आप में भी भगत सिंह की विचारधारा पर चलने का साहस तो अवश्य इस मुहीम का हिस्सा बनें
धन्यवाद

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